Tuesday, April 8, 2014

Shiksha Mitra News : शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने से केंद्र का इनकार

Shiksha Mitra News : शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने से केंद्र का इनकार

केंद्र का कहना है कि राज्य सरकार पहले इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए प्रस्ताव भेजे, फिर इस पर विचार किया जाएगा। यही नहीं जूनियर हाईस्कूलों में संविदा के आधार पर नए अनुदेशकों की भर्ती की अनुमति देने से भी मना कर दिया है। केंद्र ने कहा है कि पूर्व में स्वीकृत 41, 000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, इसके बाद विचार किया जाएगा


लखनऊ। केंद्र सरकार ने एक बार फिर 1.76 लाख शिक्षा मित्रों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 5000 करने से इनकार कर दिया है। केंद्र का कहना है कि राज्य सरकार पहले इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए प्रस्ताव भेजे, फिर इस पर विचार किया जाएगा। यही नहीं जूनियर हाईस्कूलों में संविदा के आधार पर नए अनुदेशकों की भर्ती की अनुमति देने से भी मना कर दिया है। केंद्र ने कहा है कि पूर्व में स्वीकृत 41, 000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, इसके बाद विचार किया जाएगा। इसी तरह नए स्कूल खोलने पर भी पेंच फंसा दिया है। पूर्व में स्वीकृत स्कूलों और उसके निर्माण की स्थिति की जानकारी मांगी गई। प्रगति रिपोर्ट से संतुष्ट होने के बाद ही इस पर विचार करने का आश्वासन दिया गया है।
केंद्र सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्यों को पैसा देता है। उत्तर प्रदेश से इस बार 13477 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में इन प्रस्तावों पर निर्णय लेने के लिए प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक में विचार-विमर्श किया गया। राज्य सरकार ने शिक्षा मित्रों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 5000 करने का प्रस्ताव भेजा था। बैठक में कहा गया है कि राज्य सरकार पहले मानदेय बढ़ाने संबंधी शासनादेश जारी करे फिर प्रस्ताव भेजे। इसके बाद निर्णय होगा। पहले भी केंद्र यही कहकर मानदेय बढ़ाने से इनकार कर चुका है।
इसी तरह जूनियर हाईस्कूल में शारीरिक व व्यावसायिक शिक्षा पढ़ाने के लिए संविदा के आधार पर अनुदेशक रखने की व्यवस्था केंद्र ने दी है। उत्तर प्रदेश के लिए 41,000 पद पूर्व में स्वीकृत किए जा चुके हैं। पर करीब 32,000 पदों पर ही भर्तियां हो पाई हैं। राज्य सरकार और पदों पर भर्ती की मंजूरी चाहता था, लेकिन केंद्र ने कहा पूर्व में स्वीकृत पदों पर भर्तियों के बाद ही प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है। इसी तरह प्रदेश में 1546 प्राथमिक और 198 उच्च प्राथमिक स्कूल खोलने पर पहले स्थिति स्पष्ट करने को कहा है

News Source / Sabhaar : Amar Ujala (08.04.2014)

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