Monday, August 4, 2014

DIET Lecturers Recruitment UPTET सवा लाख शिक्षकों के प्रशिक्षण पर संकट

सवा लाख शिक्षकों के प्रशिक्षण पर संकट
डायटों में प्रवक्ता नहीं, कैसे मिलेगा प्रशिक्षण
DIET  Lecturers Recruitment,

बेसिक शिक्षा विभाग इन प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद ही पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा देगा। इसलिए इन्हें छह माह के प्रशिक्षण के लिए डायटों में भेजा जाएगा, जहां तीन माह का क्रियात्मक और तीन माह का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण होगा

डायटों में रिक्त पदों को भरने के लिए लोक सेवा आयोग को ब्यौरा भेजा जा चुका है। इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाने की उम्मीद है। रही बात नवनियुक्त होने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों की, तो उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी, ताकि किसी तरह की परेशानी न आए।
-सर्वेंद्र विक्रम सिंह, निदेशक एससीईआरटी


लखनऊ। राज्य सरकार भले ही टीईटी पास बीएड वालों को प्रशिक्षु सहायक अध्यापक बनाने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी हो, लेकिन इनके प्रशिक्षण पर ही संकट की नौबत आ गई है। स्थिति यह है कि शिक्षकों को प्रशिक्षण देने वाले जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायटों) में प्राचार्य से लेकर प्रवक्ता तक की भारी कमी है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को खाली पदों का ब्यौरा देने के बाद भी अभी तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में डायटों में प्रवक्ताओं की कमी भर्ती होने वाले नए सवा लाख सहायक अध्यापकों के प्रशिक्षण में संकट का कारण बन सकती है।
 
डायटों का मुख्य काम बीटीसी प्रशिक्षण देने के साथ बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में भर्ती होने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रशिक्षण देना है। इसका मुखिया प्राचार्य होता है। प्राचार्य का पद उप शिक्षा निदेशक, उप प्राचार्य का डीआईओएस और वरिष्ठ प्रवक्ता का पद बीएसए स्तर के अधिकारी के बराबर होता है। इसके अलावा कार्यानुभव शिक्षक, तकनीकी शिक्षक व सांख्यिकीकार का पद एलटी ग्रेड शिक्षक के समान है। प्रदेश में मौजूदा समय 70 जिलों में डायट हैं। इनमें 1960 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 915 पद खाली हैं। सबसे खराब स्थिति वरिष्ठ प्रवक्ता और प्रवक्ता पदों की है।
 
 
प्रदेश में मौजूदा समय प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु और उच्च प्राइमरी में गणित व विज्ञान के 29,334 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। बेसिक शिक्षा विभाग इन प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद ही पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा देगा। इसलिए इन्हें छह माह के प्रशिक्षण के लिए डायटों में भेजा जाएगा, जहां तीन माह का क्रियात्मक और तीन माह का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण होगा। प्रयोगात्मक प्रशिक्षण तो स्कूलों में होगा, इसलिए वहां तो कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन क्रियात्मक प्रशिक्षण डायटों में होना है। इसलिए शिक्षकों की कमी वहां परेशानी का कारण बन सकती है।
पदनामसृजित पदखाली
प्राचार्य7049
उप प्राचार्य7052
वरिष्ठ प्रवक्ता420347
प्रवक्ता1190365
कार्यानुभव शिक्षक7045
तकनीकी सहायक7030
सांख्यिकीकार7027
डायटों में रिक्त पदों को भरने के लिए लोक सेवा आयोग को ब्यौरा भेजा जा चुका है। इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाने की उम्मीद है। रही बात नवनियुक्त होने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों की, तो उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी, ताकि किसी तरह की परेशानी न आए।
-सर्वेंद्र विक्रम सिंह, निदेशक एससीईआरटी

News Sabhaar : Amar Ujala (04.08.2014)




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