Tuesday, August 19, 2014

No Craze for B Ed Admission Course

No Craze for B Ed Admission Course


1. B Ed, M Ed Course May Become 2 Year Degree Course,

2. RTE Created a Huge Number of Vacancies for Basic Education But Now B Ed Degree Holder are Not Eligible for Primary Teacher TET and therefore PRT Job

3. Those B Ed holder who cleared TET exam are also awaiting Job from a long time. Due to RTE Act a lot of candidate taken admission in B Ed Course in every state but charm for B Ed course reduces now.



 See Jagran News :-
बीएड कॉलेजों को ढूंढे नहीं मिल रहे छात्र

  मैनपुरी: एक वक्त था जब बीएड कॉलेजों में एडमिशन के लिए मारामारी होती थी। सैकड़ों छात्रों को प्रवेश नहीं मिल पाता था। मैनेजमेंट कोटे में मोटी रकम देकर एडमिशन कराते थे। इसके बाद दूसरे शुल्क भी कॉलेजों में वसूल किए जाते थे। अब बीएड कॉलेजों को दिन में तारे दिख रहे हैं। सीटेंभरने को लाले पड़ गए हैं। जिले के 22 बीएड कॉलेजों में अब तक सिर्फ 488 एडमिशन हो सके हैं। इन कॉलेजों में 2200 सीटें शासन से निर्धारित हैं। न्यायालय की शरण में पहुंचे कॉलेज संचालकों के हाथ निराशा लगी है। कोर्ट ने फिर काउंसिलिंग कराने से मना किया है।

जिले के बीएड कॉलेजों के संचालक छात्र-छात्राओं के बीएड के प्रति घटते रुझान से बेहद परेशान हैं। काउंसिलिंग के बाद कॉलेजों में एडमिशन के लिए विद्यार्थियों का जैसे अकाल पड़ गया है। जबकि बीएड कॉलेजों ने काउंसिलिंग के समय जमकर अपना प्रचार भी किया था। छात्र-छात्राओं को ये भरोसा भी दिया था कि विश्व विद्यालय से निर्धारित फीस के अलावा उनसे किसी अन्य तरह की कोई फीस नहीं वसूली जाएगी। फिर भी अधिकांश छात्रों ने प्रवेश नहीं लिया।

शिक्षक पात्रता परीक्षा बनी बाधा

बीएड के प्रति अचानक घटती रुचि का मुख्य कारण शिक्षक बनने के लिए पात्रता परीक्षा टीईटी को उत्तीर्ण करना सरकार द्वारा अनिवार्य कर दिया जाना माना जा रहा है। पहले तो बीएड के बाद सीधे शिक्षक बनने का मौका मिल जाता था, लेकिन अब टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है। टीईटी की परीक्षा का आलम यह है कि परीक्षाफल दस से पंद्रह फीसद ही आ रहा है।

'बीएड रोजगार परक कोर्स है। जब रोजगार नहीं मिलेगा तो कोई इस कोर्स को क्यों करेगा। सरकार को चाहिए कि वह प्राइवेट विद्यालयों में नौकरी करने वाले शिक्षकों के लिए बीएड अनिवार्य करे, ताकि बीएड बेरोजगारों को नौकरी मिल सके। बीएड कॉलेजों के सामने खर्चा निकालने का संकट पैदा हो गया है।'

मनोज दुबे सचिव, जीएसएम कॉलेज ऑफ एडवांस एजूकेशन

News Source Sabhaar : Publish Date:Mon, 18 Aug 2014 10:31 PM (IST) | Updated Date:Mon, 18 Aug 2014 10:31 PM (IST)
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वहीं, एनसीईटी (नेशनल टीचिंग एजूकेशन काउंसिल) अगले सत्र से बीएड पाठ्यक्रम को दो साल का करने की तैयारी कर रही है

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