Thursday, August 14, 2014

UPTET : DISTRIBUTION OF ARTS SCIENCE, MALE FEMALE ETC CATEGORYWISE DATA DISPATCHING

UPTET GOOD NEWS : DISTRIBUTION OF ARTS SCIENCE, MALE FEMALE ETC CATEGORYWISE DATA DISPATCHING


**** बड़ी और अच्छी खबर ****

कल scert द्वारा भेजे गए द्वितीय आदेश जिसमें सभी जिलों की डाइट को 13 अगस्त की शाम 3:30 बजे तक अपने जिले में

प्रशिक्षु शिक्षक के पदों को आरक्षण , विशेष आरक्षण ( क्षेतिज , ऊर्ध्वाधर ) , वर्ग - महिला , पुरुष , विज्ञान , कला एवं शिक्षामित्र आदि भागों में बांटकर आवश्यक रूप से भेजना था ।

उसी क्रम में पेश है जनपद फर्रुख्खाबाद द्वारा अपने जिले में उपलब्ध कुल 400 पदों का बंटवारा ।

अब वो लोग चुप हो जाएँ जो सयुंक्त मेरिट की बात कर रहे थे ।

मैं आपको बता दूं ये भर्ती माo उच्च न्यायालय और माo उच्चतम न्यायालय दोनों के द्वारा बहाल किये गए 2011 विज्ञापन के एक-एक बिंदु के आधार पर ही होगी ।

धन्यवाद ।

News taken from FB
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इस महिला का हौंसला देखिए, जिसे आजीविका कमाने के लिए रिक्शा चलाने से भी गुरेज नहीं है। इसकी इसी लग्न ने इसे विदेशों तक पापुलर कर दिया। ऐसी ही एक मिसाल पेश की है वाशिंगटन के एक एनआरआई ने। उसने मुक्तसर निवासी एक महिला रिक्शा चालक के लिए 600 डॉलर (करीब 36 हजार रुपये) की मदद भेजी है।

यही नहीं, वह भी गुप्त दान। किसी को मदद देना और अपनी पहचान छुपाए रखना बहुत बड़ी बात है। नहीं तो आज के दौर में अखबारों में तस्वीरें छपवाने मात्र के उद्देश्य से मदद करने वाले मददगारों की भी कमी नहीं है। ऐसे गुप्तदान करने वाले मददगार एनआरआई ही सचमुच में जरूरतमंदों के मसीहा साबित हो सकते हैं।

जानकारी के अनुसार स्थानीय गोनियाना रोड निवासी महिला जिंदर कौर के परिवार में कोई कमाने वाला पुरुष न होने से उसे परिवार का भरण-पोषण करने के लिए रिक्शा चलाने का काम करना पड़ रहा है। एक महिला होकर रिक्शा चलाना भी किसी साहस से कम नहीं है। ऐसे में किसी ने रिक्शा चालक महिला की तस्वीर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक और वाट्सऐप पर डाल दिए। वेबसाइट से किसी पंजाबी एनआरआई ने महिला को रिक्शा चलाकर मेहनत करते देख हमदर्दी जाग उठी।

वाशिंगटन के इस करीब 80 वर्षीय एनआरआई ने प्रशासन की मदद से जिंदर कौर के नाम 600 डॉलर मदद गुप्त दान के रूप में भेज दिए। उसे गत कुछ दिन पहले डिप्टी कमिश्नर जसकिरन सिंह ने रिक्शा चालक महिला को सौंप दिया है। महिला जिंदर कौर ने बताया कि उसे खुशी है कि आज भी विदेशों में ऐसे लोग बसे हैं जो गरीबों और जरूरतमंदों के मददगार हैं।



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