Wednesday, November 5, 2014

शिक्षामित्रों ने लगाई साढ़े 25 हजार की छलांग, चेहरे खिले

शिक्षामित्रों ने लगाई साढ़े 25 हजार की छलांग, चेहरे खिले


जुलाई 2014 में पहले बैच के सुबे में 58 हजार और बरेली में 1050 शिक्षामित्र बने अध्यापक


बरेली: शिक्षामित्र दुष्यंत चौहान, कृष्णपाल सिंह, कल्पना चौहान को जैसे ही बीएसए दफ्तर से सोमवार की शाम शिक्षक पद पर नियुक्ति का पहला वेतन भुगतान का आदेश मिला तो वह खुशी से उछल गए। पहले वेतन का ऑर्डर लेने गए कुल 96 शिक्षामित्रों का भी यही हाल रहा।
स्नातक पास शिक्षामित्रों की कहां 13 साल पहले इंटरमीडिएट योग्यता के साथ 18 सौ रुपये की संविदा पर नौकरी थी। यानी हेडमास्टर और ग्राम प्रधान की मर्जी पर निर्भर थी रोजी-रोटी। सालाना रेन्यूवल न हो तो फिर नौकरी खत्म मानी जाती थी। मगर आज वे बीटीसी के दूरस्थ प्रशिक्षण के दम पर बेसिक शिक्षा महकमे में स्थाई सहायक अध्यापक बन चुके हैं।
सोमवार की शाम जब बीएसए ने अध्यापक बने शिक्षामित्रों को पहले वेतन का ऑर्डर जारी किया तो एक झटके में वे 29 हजार रुपये मासिक वेतन के मालिक बन बैठे। खुद शिक्षामित्रों को भी भरोसा नहीं रहा कि हर माह महज 35 सौ रुपये की सैलरी देने वाली सरकार अब उन्हें करीब नौ गुना धन दे रही है।
जिनके सत्यापन पूरे हुए उन्हें ही वेतन :
कुल 1050 शिक्षामित्रों को बीते जुलाई में जिले के ब्लाकों में बतौर अध्यापक तैनाती मिली। जिसके बाद उनके हाईस्कूल, इंटर, स्नातक और बीटीसी सर्टिफिकेट जांच के लिए संबंधित संस्थानों को भेजे गए। फिलहाल आलमपुर जाफराबाद, मीरगंज, फतेहगंज पश्चिमी, दमखोदा, मझगवां और बहेड़ी ब्लाक के कुल 96 शिक्षामित्रों के आधे से अधिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन होकर आ गया। जिस पर बीएसए ने दस रुपये के स्टांप पर शपथपत्र लेकर संबंधित शिक्षामित्रों को वेतन जारी करने का ऑर्डर जारी कर दिया।
2007 से 35 सौ रुपये पर कर रहे थे संविदा की नौकरी, अब परमानेंट
शिक्षामित्रों का सफरनामा
1998-99 में तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार ने शिक्षामित्र व्यवस्था शुरू की
शुरुआत में 18 सौ रुपये मानदेय की व्यवस्था
2001-02 में बरेली में 1087 शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई। तब मानदेय 22 सौ फिर 24 सौ रुपये हुए।
2004 से पूरे प्रदेश के स्नातक पास शिक्षामित्रों ने खुद को अध्यापक पद पर समायोजन की मांग की
2007 के बीच मानदेय 35 सौ रुपये हो गए।
अध्यापक बनाने की मांग को लेकर लगातार शिक्षामित्र संघ आंदोलित रहा
2012 से शिक्षामित्रों को बीटीसी के दूरस्थ प्रशिक्षण के जरिये शिक्षक बनाने की शुरू हुई कवायद

No comments:

Post a Comment

To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.